NOT KNOWN DETAILS ABOUT SHIV CHAISA

Not known Details About Shiv chaisa

Not known Details About Shiv chaisa

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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

There is absolutely no one particular as generous when you, Your devotees usually praise and provide you. The Vedas sing your divine glory, The unfathomable and timeless techniques are further than comprehension.

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।

अर्थ: हे shiv chalisa lyricsl शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा shiv chalisa lyricsl किया।

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

वेद नाम महिमा तव Shiv chaisa गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

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